बिना श्रेणी

चमक सूरज की नहीं…

चमक सूरज की नहीं मेरे किरदार की है, 

खबर ये आसमाँ के अखबार की है। 
मैं चलूँ तो मेरे संग कारवाँ चले, 

बात गुरूर की नहीं, ऐतबार की है।।