लगता है खुदा ツमुझे बुलाने वाला है ,
रोज़ मेरी झूटी कसमे खा रही है वो
लगता है खुदा ツमुझे बुलाने वाला है ,
रोज़ मेरी झूटी कसमे खा रही है वो
लगता है खुदा ツमुझे बुलाने वाला है ,
रोज़ मेरी झूटी कसमे खा रही है वो
“तुम बुझा कर चल तो दिए, मेरी यादों के चिराग़…!!!
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क्या करोगे अगर, रास्ते में कहीं रात हो गयी…!!
चमक सूरज की नहीं मेरे किरदार की है,
खबर ये आसमाँ के अखबार की है।
मैं चलूँ तो मेरे संग कारवाँ चले,
बात गुरूर की नहीं, ऐतबार की है।।
इश्क़ एक बहुत जहरीला जंगल है साहब,
यहां सांप नहीं हमसफ़र डसा करते हैं।